श्री भगवान उपेक्षक हैं, क्योंकि उनके राग-द्वेष नहीं है।
2.
' रागद्वेषयोर्प्रणिधानमुपेक्षा ' यह उपेक्षा जिसके हो उसको उपेक्षक कहते हैं।
3.
इस प्रकार आपका स्तवन कर हे देव! मैं दीनता से कुछ वर की याचना नहीं करता; क्योंकि आप उपेक्षक हैं।
4.
इस आय तथा उसी बढ़त के असंतुलित तथा जनहित उपेक्षक रूप से चर्चा तक नहीं होती तो फिर उनसे दो-दो हाथ होने की तजबीजों का तो सवाल ही पैदा नहीं होता है।
5.
इस आय तथा उसी बढ़त के असंतुलित तथा जनहित उपेक्षक रूप से चर्चा तक नहीं होती तो फिर उनसे दो-दो हाथ होने की तजबीजों का तो सवाल ही पैदा नहीं होता है।
6.
पढ़ते पढ़ते लगा कि एक किस्म की अनुभूतियों का उपेक्षक बंजर फैल गया था मेरे भीतर, बंजर दरक गया, सुकून मिल रहा है, दिल्ली में बैठा एक फुट की वर्गाकार स्क्रीन से होते हुए गाँव तक पहुँच रहा हूँ! कई बातें याद आयीं जो इस प्रविष्टि को पढ़े बिना नहीं याद आ सकती थीं! ननियाउर में पला-बढ़ा हूँ, बड़ी कचोट-चोट उठ रही हैं!
7.
इतनी जोड़ी लबालब आँखें! पीछे कैसे मुडूं! पढ़ते पढ़ते लगा कि एक किस्म की अनुभूतियों का उपेक्षक बंजर फैलगया था मेरे भीतर, बंजर दरक गया, सुकून मिल रहा है, दिल्ली में बैठा एक फुट की वर्गाकार स्क्रीन से होते हुए गाँव तक पहुँच रहा हूँ!कई बातें याद आयीं जो इस प्रविष्टि को पढ़े बिना नहीं याद आ सकती थीं! ननियाउर में पला-बढ़ा हूँ, बड़ी कचोट-चोट उठ रही हैं!
परिभाषा
जो उपेक्षा करता हो:"सारे काम में तुम उपेक्षक व्यक्ति की भूमिका निभाते हो"