वह आत्महत्या की ओर अंतिम प्रस्थान करने हेतु उकसाने वाले, भड़काने वाले, उभारक तथा उत्तेजक तत्वों पर पूर्ण नियंत्रण रखे, इन तत्वों के प्रति पूर्णतः सावधानी बरते, सतर्क रहे, सचेत रहे, क्योंकि चेतना की हार और उत्तेजना की जीत की ही अत्यन्त निंदित नियति है-आत्महत्या ।
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वह आत्महत्या की ओर अंतिम प्रस्थान करने हेतु उकसाने वाले, भड़काने वाले, उभारक तथा उत्तेजक तत्वों पर पूर्ण नियंत्रण रखे, इन तत्वों के प्रति पूर्णतः सावधानी बरते, सतर्क रहे, सचेत रहे, क्योंकि चेतना की हार और उत्तेजना की जीत की ही अत्यन्त निंदित नियति है-आत्महत्या ।