कभी-कभी लगता है कि प्रकृति ऋजुरेखीय न होकर वर्तुलाकार होती है।
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एक अन्य प्रकार के दीर्घवृत्तलेखी में वृत्तीय और ऋजुरेखीय दोनों गतियों का समन्वय है।
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एक अन्य प्रकार के दीर्घवृत्तलेखी में वृत्तीय और ऋजुरेखीय दोनों गतियों का समन्वय है।
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मनुष्य गॉड पार्टिकल की खोज की साधना में अपनी आदिकालीन जिज्ञासा की ओर पुनः उन्मुख दिखा तो यह भी सिद्ध हुआ कि काल प्रवाह ऋजुरेखीय न होकर वर्तुलाकार है।
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सामान्य ट्रेमेल में निर्दिष्ट लंबाई की रेखा का मध्य बिंदु एक वृत्त में चलता है, इसलिए यदि मध्य बिंदु म को मूलबिंदु अ से एक भ्रमण शील दंड द्वारा मिला दिया जाए तो एक ऋजुरेखीय खाँचे की आवश्यकता नहीं रहती।
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सामान्य ट्रेमेल में निर्दिष्ट लंबाई की रेखा का मध्य बिंदु एक वृत्त में चलता है, इसलिए यदि मध्य बिंदु म को मूलबिंदु अ से एक भ्रमण शील दंड द्वारा मिला दिया जाए तो एक ऋजुरेखीय खाँचे की आवश्यकता नहीं रहती।