| 1. | के निकलने से शुक्तीय (एसिटेट) ऋणायन बनता है।
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| 2. | के निकलने से एसिटेट ऋणायन बनता है।
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| 3. | धनायन / ऋणायन की पहचान के लिये चयनशील आण्विक अंतरक (सेन्सर्स)
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| 4. | इससे विलयन में हाइड्रोजन धनायन, बाइसल्फ़ेट तथा सल्फ़ेट ऋणायन बनते हैं।
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| 5. | इससे विलयन में हाइड्रोजन धनायन, बाइसल्फ़ेट तथा सल्फ़ेट ऋणायन बनते हैं।
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| 6. | एसिटिक अम्ल से हाइड्रोजन धनायन H के निकलने से एसिटेट ऋणायन बनता है.
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| 7. | लवणों के रासायनिक गुण उनमें उपस्थित धनायन एवं ऋणायन पर निर्भर करतीं हैं।
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| 8. | लवणों के रासायनिक गुण उनमें उपस्थित धनायन एवं ऋणायन पर निर्भर करतीं हैं।
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| 9. | जिससे कार्बन ऋणायन की तरह व्यवहार करता है एवं यौगिक क्षारिय हो जाता है।
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| 10. | [26] पहला योग इनोलेट ऋणायन के साथ एक मेनिश सदृश प्रतिक्रिया है जो एसिटिल-
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