वैभाषिकों को छोड़कर अन्य सभी बौद्ध कार्य और कारण को एककालिक नहीं मानते।
2.
एककालिक छापों ' की उत्पत्ति के लिए जरूरी बाह्य परिस्थितियों के वर्णन तक सीमित रख सकते थे।
3.
वर्णनात्मक पद्धति का मूल अन्तर यह है कि वर्णनात्मक पद्धति जहाँ एककालिक है, वहाँ ऐतिहासिक पद्धति द्विकालिक।
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वर्णनात्मक पद्धति का मूल अन्तर यह है कि वर्णनात्मक पद्धति जहाँ एककालिक है, वहाँ ऐतिहासिक पद्धति द्विकालिक।
5.
भाषाविज्ञान-भारतीय भाषाओं में लिप्यंतरण, बदायूँ जनपद की बोली का एककालिक अध्ययन, लिप्यंतरण: सिद्धांत और प्रयोग (देवनागरी के विशेष संदर्भ
6.
किन्तु वैभाषिकों की यह विशेषता है वे कि हेतु और फल को एककालिक भी मानते हैं, यथा-सहजात (सहभू) हेतु।
7.
तर्कप्रधान आधुनिक समाज के दोनों रूपोंद्र पूंजीवादी और समाजवादी की कटु आलोचना करते हुए बेन्यामिन ने लिखा है कि ÷÷इतिहासवाद द्वारा तय की गयी प्रगति की अवधारणा पुरानी शक्ति संरचना और चिन्तन रूप को पुनरुत्पादित करती है क्योंकि यह ऐतिहासिक समय को ÷इन्स्टᆭूमेन्टल मैटर ' में रिड्यूस कर देती है जहां ऐतिहासिक समय बर्बरता से सभ्यता की ओर, आदिम से आधुनिक की ओर, और बुरे पुराने दिनों से अच्छे नये दिनों की ओर संचरित होता है।” इस इतिहासवाद के विरुद्ध बेन्यामिन ने ऐतिहासिक भौतिकवाद की अवधारणा रखी जहां समय को समरूप क्कहोमोजिनियसत्र्, सतत क्ककंटीनिवसत्र् और एककालिक क्कसाइमलटेनियसत्र् नहीं माना गया।