नेताओं और अफसरों के भ्रष्टाचार के कारणही ऐसा है--इन लोगों का व्यापारियों से गठजोड़ है, जिनका एकमात्रउद्देश्य मुनाफा कमाना है.
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और वे दोनों साल भर के भीतर गोद खाली हो गए. अब जहां जीवन का एकमात्रउद्देश्य ब्याह रचाना और संतान उत्पन्न करना रहा हो और सन्तान न सिर्फ इस लोकमें बुढापे का सहारा बनती हो पर उससे परलोक भी सुधरता हो, वहाँ सन्तान के योंचले जाने से माँ-बाप और सगे सम्बन्धियों को जो दुख सहन करना पड़ता था, उसकाअनुमान सहज में लगाया जा सकता है.