सामूहिक अचेतन में जुंग के अनुसार एनिमस और एनीमा विद्यमान रहते हैं।
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एनिमस नारी सुलभ गुणों का समूह है और एनीमा पुरूष गुणों का समूह है।
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पुरुष के स्त्रैण पहलू को जुंग ने एनिमा कहा और स्त्री के पौरुष वाले पहलू को उसने एनिमस कहा.
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पुरुष के स्त्रैण पहलू को जुंग ने एनिमा कहा और स्त्री के पौरुष वाले पहलू को उसने एनिमस कहा.
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# एनिमा (anima) और एनिमस (animus)-जुंग का मानना था कि मानव एक द्विलिंगी प्राणी है एवं उसमे स्त्रैण एवं पौरुष दोनों गुण होते हैं.
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जुंग का मानना था की जब कोई स्त्री अधिकार स्वरुप अपना मत रख रही हो तो यह उसके पौरुष पक्ष यानि एनिमस की अभिव्यक्ति है।
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जुंग का मानना था की जब कोई स्त्री अधिकार स्वरुप अपना मत रख रही हो तो यह उसके पौरुष पक्ष यानि एनिमस की अभिव्यक्ति है।
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जुंग ने मुख्य पांच तरह के आद्यरुपों का वर्णन किया है-पर्सोना (persona), आत्मन (self),छाया (shadow), एनिमा (anima) और एनिमस (animus) # पर्सोना(persona)-व्यक्तित्व के सामाजिक रूप को जुंग ने पर्सोना की उपाधि दी.
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ाणी वाि विशारद विलियम जे लाग ने पशुआें की चेतना श के विषय में अपनी पुतक ‘हाउ एनिमस टाक ' मे वितार से काश डालते हए बताया ह कि भले ही बु काशल में मनुय की तुलना में पशु पिछडे हए हों, लेकिन उनमें चेतना श कहीं अधिक बढी होती ह।