| 1. | शुद्ध लोहे का ऐल्फ़ा रूप लगभग 910डिग्री सें.
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| 2. | ऐल्फ़ा किरण के ऊर्जा वर्णक्रम से भिन्न है।
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| 3. | शुद्ध लोहे का ऐल्फ़ा रूप लगभग 910 डिग्री सें.
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| 4. | रोहिणी या ऐल्डॅबरैन, जिसे बायर नामांकन में ऐल्फ़ा टौ (
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| 5. | रोहिणी या ऐल्डॅबरैन, जिसे बायर नामांकन में ऐल्फ़ा टौ (
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| 6. | इस समय उत्तर आकाशीय ध्रुव प्रथम लघु सप्तर्षि (ऐल्फ़ा अरसी मैजोरिस) के पास है।
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| 7. | ऐल्फ़ा किरणें पृथक् रेखा वर्णक्रम के अनुसार मिलती हैं, पर बीटा किरणें उनसे पूर्णत:
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| 8. | इस समय उत्तर आकाशीय ध्रुव प्रथम लघु सप्तर्षि (ऐल्फ़ा अरसी मैजोरिस) के पास है।
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| 9. | ऐल्फ़ा किरणें पृथक् रेखा वर्णक्रम के अनुसार मिलती हैं, पर बीटा किरणें उनसे पूर्णत:
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| 10. | उच्च ऊर्जा के ड्यूट्रॉन, प्रोट्रॉन, ऐल्फ़ा कण एवं न्यूट्रॉन की प्राप्ति के लिए यह एक प्रबल साधन है।
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