ऐहिकता अनुक्रमिक घटनाओं की श्रृंखला नहीं, बल्कि अस्तित्व वाले है.
5.
प्रेम की दिव्यता, ऐहिकता और दैहिकता में रँग गई.
6.
नहीं काटीज़ियन समय-लंबे समय हालांकि (या कम) यह हो सकता है, कि ऐहिकता की प्रासंगिक उपाय है.
7.
प्राचीन सुग में भी कुछ ऐसा ही था और शायद ऐहिकता से मुक्त करने के लिए ही तीर्थ-महात्मयों की रचना हुई।
8.
नरेश मेहता की वैष्णवता, भारती की माधवता, वीरेन्द्र कुमार जैन की लोकोत्तरता, सुमन की ऐहिकता और अज्ञेय की वैयक्तिकता के वे एक साथ परिपोषक और समर्थक दिखते हैं।
9.
यात्रा फोटोग्राफी सबसे रोमांचक है, क्योंकि रचना की सरासर सुंदरता से परे, स्वयं ऐहिकता का आकर्षण है, क्योंकि यह हमें हमारी यात्रा या साहसिक कार्य के सभी चरणों के माध्यम से लेता है.
10.
यदि हमारे पास यथेष्ट चरित्र न हो, तो धर्म निर्जीव अनुष्ठानों तक ही सीमित रह जायेगा, नैतिक मूल्य विकृत होकर विताण्डवाद में परिणत हो जायेंगे, लोकहित आत्मप्रशंसा के हेतु सामाजिक कार्य में, आध्यात्मिकता ऐहिकता में, ऐहिकता सुखवाद में और सुखवाद विनाश में परिणत हो जायेगा।