लिखी थी, तब ओस्टवाल्ड के ऊर्जा सिद्धान्त की आलोचना करते हुए इस बात पर मुख्य जोर दिया था।
5.
लेनिन ने जब ‘ भौतिकवाद और अनुभवसिद्ध आलोचना ' लिखी थी, तब ओस्टवाल्ड के ऊर्जा सिद्धान्त की आलोचना करते हुए इस बात पर मुख्य जोर दिया था।
6.
ओस्टवाल्ड ने उत्प्रेरक पदार्थो की परिभाषा इस प्रकार दी है: “”उत्प्रेरक उस पदार्थ को कहते हैं जो किसी रासायनिक क्रिया के वेग को बदल दे, परंतु स्वयं क्रिया के अंत में अपरिवर्तित रहता है, अत:
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ओस्टवाल्ड ने उत्प्रेरक पदार्थो की परिभाषा इस प्रकार दी है: “”उत्प्रेरक उस पदार्थ को कहते हैं जो किसी रासायनिक क्रिया के वेग को बदल दे, परंतु स्वयं क्रिया के अंत में अपरिवर्तित रहता है, अत:
8.
यद्यपि ओस्टवाल्ड ने सर्वप्रथम यह मत प्रगट किया था कि उत्प्रेरक नई क्रिया प्रारंभ नहीं कर सकता, तो भी आधुनिक वैज्ञानिकों का यह मत है कि उत्प्ररेक नई क्रिया को भी प्रारंभ कर सकता है।
9.
यद्यपि ओस्टवाल्ड ने सर्वप्रथम यह मत प्रगट किया था कि उत्प्रेरक नई क्रिया प्रारंभ नहीं कर सकता, तो भी आधुनिक वैज्ञानिकों का यह मत है कि उत्प्ररेक नई क्रिया को भी प्रारंभ कर सकता है।