| 1. | शिर: पीड़ा के करोटि के भीतर के कारण-
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| 2. | अचल संधियाँ, जैसे करोटि और काल संधि (
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| 3. | करोटि के वायुविवर के फोड़े, अर्बुद तथा शोथ;
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| 4. | शिर: पीड़ा के करोटि के भीतर के कारण-
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| 5. | शिर: पीड़ा के करोटि के बाहर के कारण-
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| 6. | 2. शिर:पीड़ा के करोटि के बाहर के कारण-
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| 7. | इनमें अंत: करोटि दबाव (intracranial pressure) अत्यधिक बढ़ जाता है।
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| 8. | हनुसंधिकास्थि (quadrate bone) करोटि से दो फलकिकाओं (facets) द्वारा जुड़ी रहती है।
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| 9. | मस्तिष्क से नाड़ियो के 12 जोड़े निकलते हैं जिन्हें करोटि तन्त्रिकायें कहते है।
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| 10. | इनमें अंत: करोटि दबाव (intracranial pressure) अत्यधिक बढ़ जाता है।
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