| 1. | शंखखंड के भीतरी पृष्ठ पर हिप्पोकैंपी कर्णक (
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| 2. | कर्णक नामक एक किण्वक ग्रंथि के निषेध द्वारा
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| 3. | इन सब पर परिशखाएँ और कर्णक बने हुए हैं।
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| 4. | कर्णक मंदिर और लक्सर मंदिर को जोडती है.....
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| 5. | इन सब पर परिशखाएँ और कर्णक बने हुए हैं।
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| 6. | परिखाओं के बीच धूसर मस्तिष्क पृष्ठ के मुड़े हुए चक्रांशवतद् भाग कर्णक (
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| 7. | कर्णक से बंध सकते हैं, जिससे वे क्विनोलोन के प्रभाव से बच सके.
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| 8. | शंखखंड के भीतरी पृष्ठ पर हिप्पोकैंपी कर्णक (Hippocampal gyrus) है, जहाँ गंध का ज्ञान होता है।
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| 9. | फ़्लोरोक्विनोलोन DNA कर्णक नामक एक किण्वक ग्रंथि के निषेध द्वारा DNA प्रतिकृति के साथ हस्तक्षेप करता है.
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| 10. | परिखाओं के बीच धूसर मस्तिष्क पृष्ठ के मुड़े हुए चक्रांशवतद् भाग कर्णक (Gyrus) कहलाते हैं,क्योंकि वे कर्णशुष्कली के समान मुडे हुए से हैं।
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