स्मृतियों के अनुसार अशुचित काम करना दासों की विवशता थी, भृतक अथवा कर्मकर ऐसा नहीं करते थे।
5.
समाचर ॥ यज्ञ कर्म के बिना सब कर्म बंध आधार इससे तू सब कर्मकर यज्ञ धर्म अनुसार।।9।।
6.
गाँव में राजपूत यादव, कर्मकर, तथा तेली जाति के लोग रहते है जो बिना भेदभाव के अमन-चैन से जीवन बिताते है.
7.
आधुनिक विद्वान सर्वश्री राय, कर्मकर, लक्ष्मण स्वरूप तथा प्राचीन टीकाकार स्कंद, दुर्ग व महेश्वर ने निघण्टु के प्रणेता अज्ञातनामा लेखक को माना है।
8.
यमराज के नाम: यम के लिए पितृपति, कृतांत, शमन, काल, दंडधर, श्राद्धदेव, धर्म, जीवितेश, महिषध्वज, महिषवाहन, शीर्णपाद, हरि और कर्मकर विशेषणों का प्रयोग होता है।
9.
शरीर कोषों (Cell) से निर्मित वह आकृति है, जिसमें आत्मा (Soul) जीव (Self) बनकर तथा जिससे संसार में कर्मकर तदनुसार भोग भोगती है।
10.
अवश्य ही धर्मस्थीय अदालतों में अधिकांश वाद-विषय विवाह, स्त्रीधन, तलाक़, दाय, घर, खेत, सेतुबंध, जलाशय-सम्बन्धी, ऋण-सम्बन्धी विवाद भृत्य, कर्मकर और स्वामी के बीच विवाद, क्रय-विक्रय सम्बन्धी झगड़े से सम्बन्धित थे।