हम अपने इच्छित विकल्पों के चुनाव की उम्मीदें कर सकते हैं, नियमों को अपने हितानुकूल होने की कल्पनाएं बुन सकते हैं, इन्हीं के आभामंड़ल में अपने-आपको भ्रमित बनाए रखते हुए एक कल्पनालोकी संसार रच सकते हैं.
2.
हम अपने इच्छित विकल्पों के चुनाव की उम्मीदें कर सकते हैं, नियमों को अपने हितानुकूल होने की कल्पनाएं बुन सकते हैं, इन्हीं के आभामंड़ल में अपने-आपको भ्रमित बनाए रखते हुए एक कल्पनालोकी संसार रच सकते हैं.