| 1. | कवकतंतु में नाभिक के अतिरिक्त कोशिकाद्रव्य (
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| 2. | उगते हैं कवकतंतु के अग्रभाग से एक प्रकार के एंज़ाइम (
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| 3. | दीर्घितक ढीला ऊतक होता है, जिसमें प्रत्येक कवकतंतु अपना अपनत्व बनाए रखता है।
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| 4. | जीवद्रव्य या तो अटूट पूरे कवकतंतु में फैला रहता है जिसमें नाभिक (
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| 5. | दीर्घितक ढीला ऊतक होता है, जिसमें प्रत्येक कवकतंतु अपना अपनत्व बनाए रखता है।
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| 6. | दीर्घितक ढीला ऊतक होता है, जिसमें प्रत्येक कवकतंतु अपना अपनत्व बनाए रखता है।
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| 7. | बिना किसी निश्चित व्यवस्था के बिखरे रहते हैं, अन्यथा कवकतंतु दीवारों का पट (
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| 8. | कवक के कवकतंतु आधार के निकट संस्पर्श में आकर अपना भोजन अपने रेशों की दीवार से विसरण (
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| 9. | प्रत्येक रेशे को कवकतंतु (hypha) कहा जाता है और इन कवकतंतुओं के समूह को कवकजाल (mycelium) कहते हैं।
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| 10. | प्रत्येक रेशे को कवकतंतु (hypha) कहा जाता है और इन कवकतंतुओं के समूह को कवकजाल (mycelium) कहते हैं।
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