इस तरह की कवची अवधारणाओं से तो खुदा भी डरता है कि कब न इंसान अर्थ का अनर्थ कर उसे ही पंचायती चौपाल में खड़ा कर ले. इसीलिये भयावह है.
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क्योंकि पार्क स्थल के लिये उस समय कोई भी वाहन योग्य मार्ग नहीं था, इसलिये जुरैसिक युगीन जीवों के कुछ दुर्लभ जीवाश्म प्रतिरूप सडक के किनारे रखे गये जिनमें तलवार रूपी घुमावदार दांतों वाले चीतों, छह उत्कीर्ण विलुप्त दांत वाले दरियायी घोडों और कवची कछुओं के मुख्य मॉडल थे।