सुकरात ने ज्ञान और नैतिक आचरण में कारण-कार्य-संबंध स्थापित किया था।
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सुकरात ने ज्ञान और नैतिक आचरण में कारण-कार्य-संबंध स्थापित किया था।
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गैर-संवर्धन-आधारित तकनीकों, जैसे आण्विक आनुवांशिकी ने कारण-कार्य-संबंध की वैकल्पिक स्थापना की अनुमति दी है.
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[2][31] गैर-संवर्धन-आधारित तकनीकों, जैसे आण्विक आनुवांशिकी ने कारण-कार्य-संबंध की वैकल्पिक स्थापना की अनुमति दी है.
7.
कारण-कार्य-संबंध का अस्तित्व तो असंदिग्ध है: प्रश्न यह है कि इसका आधार क्या है।
8.
यदि कहें कि कार्य की उत्पत्ति अनन्तर होती है, तो इसका उत्तर होगा किवस्तुतः यह आवश्यक नहीं है यद्यपि कारण-कार्य-संबंध की तार्किक संरचना केअनुसार यह आवश्यक हो सकता है.
9.
इसके अलावा जब परिणामों का अर्थ लगाते हैं तब हमें यह ध्यान रखना चाहिए कि आँकड़े क्रास-वर्गीय थे अर्थ यह है कि कारण-कार्य-संबंध को सिद्ध नहीं किया जा सकता और यह कि जाँच परिणामों की पुष्टि करने के लिए और अधिक देशांतरीय शोध की आवश्यकता होगी।