अचानक कार्यनिवृत्ति के कारण आये खालीपन से उत्पन्न निरर्थकता का भाव तथा 2.
2.
ऐसे अक्रियावाद की स्थापना से पहले अक्रियाया अर्थ था--विश्राम या कार्यनिवृत्ति, परन्तु चित्तवृत्तिनिरोध, मौन औरकायोत्सर्ग-एतद्रूप अक्रिया किसी महत्त्वपूर्ण साध्य की सिद्धी के लिएहै--यह अनुभवगम्य नहीं हुआ था.