ऐसा ही एक कम सुना सुबह का राग राग है-कुकुभ बिलावल.
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प्रामाणिक तौर पर हो सके. साधारण बोल चाल मे जिन गौओं में कुकुभ, गल कम्बल
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अर्जुन वृक्ष । पार्थ । कुकुभ । धन्वी । इनको एक ही समझना चाहिये ।
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आज सुनिए उनके गाये तीन राग, जिनमें से दो, सुघराई और कुकुभ बिलावल तो दुर्लभ ही हैं.
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साधारण बोल चाल मे जिन गौओं में कुकुभ, गल कम्बल छोटा होता है उन्हे देसी नही माना जात, और सब को जर्सी कह दिया जाता है.
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आज के वैज्ञानिक युग में, यह भी महत्व का विषय है कि देसी गाय की पहचान प्रामाणिक तौर पर हो सके.साधारण बोल चाल मे जिन गौओं में कुकुभ, गल कम्बल छोटा होता है उन्हे देसी नही माना जात, और सब को जर्सी कह दिया जाता है.
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-देसी गाय की पहचान-आज के वैज्ञानिक युग में, यह भी महत्व का विषय है कि देसी गाय की पहचान प्रामाणिक तौर पर हो सके.साधारण बोल चाल मे जिन गौओं में कुकुभ, गल कम्बल छोटा होता है उन्हे देसी नही माना जात, और सब को जर्सी कह दिया जाता है.