चार साल पहले एथेन्स ओलंपियाड में कुलांक की दृष्टि से वे तीसरे स्थान पर पहुंचा था, किन्तु तकनीकी कारण से उस ने सिर्फ सातवां स्थान पाया ।
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हालांकि हाकिनेन और चु छीनान ने उसे पार करने की भरसक कोशिश की, फिर भी अंत में अभिनव बिन्द्रा ने 700.5 कुलांक से उन दोनों शक्तिशाली प्रतिद्वंद्वियों को परास्त कर मूल्यवान स्वर्ण पदक को अपने हाथ में ले लिया ।