| 1. | श्वेताभ होते हैं जबकि कृष्ण तुलसी के पत्रादि कृष्णाभ होते
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| 2. | इसकी एक दूसरी प्रजाति का सारकाष्ठ कृष्णाभ भूरे रंग की होती है।
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| 3. | पहाड़ियाँ कभी स्लेटी, भूरे और कत्थई रंग की नज़र आती हैं तो कभी कृष्णाभ
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| 4. | श्री तुलसी के पत्र तथा शाखाएँ श्वेताभ होते हैं जबकि कृष्ण तुलसी के पत्रादि कृष्णाभ होते हैं।
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| 5. | बादलों की लुका-छिपी और उनकी परछाई के कारण पहाड़ियाँ कभी स्लेटी, भूरे और कत्थई रंग की नज़र आती हैं तो कभी कृष्णाभ स्लेटी-स्लेटी से रंग की।
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