के मूल और प्रथम कोणक पर, द्वितीय पेशी की कंडरा अंगुष्ठि का अंतिम अंगुल्यास्थि के मूल पर, तृतीय पेशी की कंडरा चार कंडराओं में विभक्त होकर दूसरी, चौथी और पाँचवी अनुगुल्फिका के मूल पर लगती हैं।
2.
प्रथम पेशी की कंडरा पादपृष्ठ पर पहुँचकर प्रथम अनुगुल्फिका (metatarsal) के मूल और प्रथम कोणक पर, द्वितीय पेशी की कंडरा अंगुष्ठि का अंतिम अंगुल्यास्थि के मूल पर, तृतीय पेशी की कंडरा चार कंडराओं में विभक्त होकर दूसरी, चौथी और पाँचवी अनुगुल्फिका के मूल पर लगती हैं।