उदाहरण के लिए आंखे अब गोल नहीं होती अपितु वे धनुषाकार भौंहों के साथ कान तक (आकर्ण) फैल जाती हैं और आकार में लम्बी और कोनेदार दिखलाई पड़ती हैं।
4.
पर्वत के उपर चमकता सुंदर और कोनेदार तीन रंगों वाला रत्न तिब्बती लोगों द्वारा तीन सर्वोच्च जवाहरात, आश्रय के विषयः बुधर्धम और संघ के प्रति व्यक्त किए जाने वाले सम्मान को व्यक्त करता है।
5.
साथ ही साथ कवि-संकेत-सिद्ध सौंदर्य के मानदण्डों को जैसे विशाल आकर्ण-नेत्र, शुक-चंचु के समान नासिका, निकली हुई कोनेदार ठोड़ी, स्त्रियों के अविरल स्तन-युग्म, इत्यादि को प्रमुख रूप से अपनाया गया।
6.
अंजाख़ानेv के लोबान (एक सुगन्धित गोंद) से बसे हुए अँधेरे में चमकते हुए अलम, चाँदी और सोने का सा प्रकाश देते हुए पंजे, सब्जो-सुंर्ख रेशमी पटकों के सुनहरी रूपहली गोटे से टँके हुए किनारे, बीच छत में लटका हुआ वह झमक-झमक करता हुआ झाड़, जिसमें शीशे की संफेद-संफेद कोनेदार अनगिनत फलियाँ लटक रही थीं, जिसकी एक टूटी हुई फली नामालूम तरीके पर जाने कहाँ से उसके पास आ गयी थी, बाहर से सफेद और एक आँख बन्द करके दूसरी आँख पे लगा के देखो तो अन्दर से सात रंग...
7.
अंजाख़ानेv के लोबान (एक सुगन्धित गोंद) से बसे हुए अँधेरे में चमकते हुए अलम, चाँदी और सोने का सा प्रकाश देते हुए पंजे, सब्जो-सुंर्ख रेशमी पटकों के सुनहरी रूपहली गोटे से टँके हुए किनारे, बीच छत में लटका हुआ वह झमक-झमक करता हुआ झाड़, जिसमें शीशे की संफेद-संफेद कोनेदार अनगिनत फलियाँ लटक रही थीं, जिसकी एक टूटी हुई फली नामालूम तरीके पर जाने कहाँ से उसके पास आ गयी थी, बाहर से सफेद और एक आँख बन्द करके दूसरी आँख पे लगा के देखो तो अन्दर से सात रं ग...