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खँजड़ी वाक्य

उच्चारण: [ khenjedei ]
"खँजड़ी" का अर्थ
उदाहरण वाक्यमोबाइल
  • खलरी के खँजड़ी मिढ़उबइं त राम मोर खेलिहइं हो।
  • और साधु-समाज ने खँजड़ी बजा-बजाकर यह भजन गाना शुरू किया-
  • खँजड़ी बजा-बजाकर जब वह मीठे स्वर से ख्याल गाता, तो रंग जम जाता।
  • पैसों में आने वाली खँजड़ी के ऊपर चढ़ी हुई झिल्ली के समान पतले चर्म
  • खँजड़ी बजा-बजाकर जब वह मीठे स्वर से ख्याल गाता, तो रंग जम जाता।
  • इधर दिन रात सुशील जी खँजड़ी बजाती, घूमती रहतीं और रात हंसा के घर लौट आतीं।
  • लोगबाग बताते हैं, कि ददा खाली खँजड़ी बजाकर प्रचार करते थे, और चुनाव जीत गये।
  • मारे गए हिरन की खाल से राम जी के खेलने के लिए खँजड़ी मढ़वा ली जाती है ।
  • कभी अपने भीतर ‘लाल छींट वाली लूगड़ी का सपना ' कहानी के पात्र डूँगा का प्रतिरोध स्वरूप खँजड़ी बाजाना सुनता-महसूस करता हूँ।
  • हिरी-फिरी देखबि खलरिया जनुक हरिना जियतहिं हो जाहु हरिनी घर अपना, खलरिया ना देइब हो हरिनी! खलरी के खँजड़ी मढ़ाइबि राम मोरा खेलिहेनू हो।।
  • खँजड़ी या खँजरी डफ के ढंग का एक छोटा वाद्य यंत्र जो दो ढाई इंच चौड़े काठ की बनी गोलाकार परिधि के एक ओर चमड़े से मढ़ा होता है।
  • खँजड़ी या खँजरी डफ के ढंग का एक छोटा वाद्य यंत्र जो दो ढाई इंच चौड़े काठ की बनी गोलाकार परिधि के एक ओर चमड़े से मढ़ा होता है।
  • वह हँस पड़ी थी, ईश्वर ने पति से अलग किया और अब बापू के नकली चेले उन्हें जनता से अलग करना चाहते हैं! उनकी खँजड़ी और जोर से बजने लगी।
  • दो पैसों में आने वाली खँजड़ी के ऊपर चढ़ी हुई झिल्ली के समान पतले चर्म से मढ़े और भीतर की हरी-हरी नसों की झलक देने वाले उसके दुबले हाथ-पैर न जाने किस अज्ञात भय से अवसन्न रहते थे।
  • दो पैसों में आने वाली खँजड़ी के ऊपर चढ़ी हुई झिल्ली के समान पतले चर्म से मढ़े और भीतर की हरी-हरी नसों की झलक देने वाले उसके दुबले हाथ-पैर न जाने किस अज्ञात भय से अवसन्न रहते थे।
  • और अब भी उसके हाथों में थमी है खँजड़ी जो लपटों की तरह लहराने को है बेताब कभी वह हुआ करती थी श्वेत परचम की मानिन्द और वह अब भी है प्रकाश स्तम्भ से प्रवाहित उजाले की उर्जस्वित कतार।
  • इस करुण कातर प्रार्थना पर रानी को थोड़ी भी दया नहीं आती है और वह हिरनी को दुत्कारते हुए कहती है कि-हे हिरनी तुम यहाँ से भाग जाओ, मैं तुम्हें हिरन की खाल नहीं दूँगी, इस खाल से मैं खँजड़ी मढ़वाउँगी जिससे मेरे प्रिय राम खेला करेंगे)-
  • बाबूजी जब लौटते, तब प्रायः कोई लँगड़ा भिखारी बाहर के दालान में भोजन करता रहता, कभी कोई सूरदास पिछवाड़े के द्वार पर खँजड़ी बजाकर भजन सुनाता होता, कभी पड़ोस का कोई दरिद्र बालक नया कुरता पहनकर आँगन में चौकड़ी भरता दिखाई देता और कभी कोई वृद्ध ब्राह्मणी भंडारघर की देहली पर सीधा गठियाते मिलती।
  • (हिरनी की इस करुण कातर प्रार्थना पर रानी को थोड़ी भी दया नहीं आती है और वह हिरनी को दुत्कारते हुए कहती है कि-हे हिरनी तुम यहाँ से भाग जाओ, मैं तुम्हें हिरन की खाल नहीं दूँगी, इस खाल से मैं खँजड़ी मढ़वाउँगी जिससे मेरे प्रिय राम खेला करेंगे)-जाहु-जाहु हिरनी घर आपन, खलरिया नांहिं देतिउँ हो हिरनी! खलरी के खँजड़ी मिढ़उबइं त राम मोर खेलिहइं हो।
  • (हिरनी की इस करुण कातर प्रार्थना पर रानी को थोड़ी भी दया नहीं आती है और वह हिरनी को दुत्कारते हुए कहती है कि-हे हिरनी तुम यहाँ से भाग जाओ, मैं तुम्हें हिरन की खाल नहीं दूँगी, इस खाल से मैं खँजड़ी मढ़वाउँगी जिससे मेरे प्रिय राम खेला करेंगे)-जाहु-जाहु हिरनी घर आपन, खलरिया नांहिं देतिउँ हो हिरनी! खलरी के खँजड़ी मिढ़उबइं त राम मोर खेलिहइं हो।

खँजड़ी sentences in Hindi. What are the example sentences for खँजड़ी? खँजड़ी English meaning, translation, pronunciation, synonyms and example sentences are provided by Hindlish.com.