| 1. | रैणि गवाई सोइ कै दिवसु गवाइआ खाइ ॥
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| 2. | राति माछर नैं खाइ लई रे …..
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| 3. | हल विचार विकार मन हुकमी खट्टे खाइ ।
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| 4. | प्रभु प्रताप तें गरुड़हि खाइ परम लघु ब्याल।।
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| 5. | सहस स्वाद सो पावै एक कौर जो खाइ
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| 6. | हेरि माखन देउं आछो खाइ जितनो स्याम॥
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| 7. | जो खाइ हमें परमेश्वर से पृथक करती
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| 8. | का खाइ कइसे पकार्इ और का लेके परदेष जार्इ।
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| 9. | जब ही सिआरु सिंघ कउ खाइ ॥
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| 10. | अनियंत्रित बस खाइ मे पलटी जेएनआई ब्यूरो /
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