मुझे निलहों को खिझाना नहीं था, बल्कि उन्हें भलमनसी से जीतने का प्रयत्न करना था।
4.
विवश होकर कहना पड़ रहा है कि युवा शक्ति को इस तरह खिझाना एक तो वैसे
5.
मै निलहो को खिझाना नही चाहता था, बल्कि मुझे तो उन्हें विनय द्वारा जीतने का प्रयत्न करना था ।
6.
रोला: किया किचन में काम, लगी मैं गाने गाना मनु ने जान तुंरत, शुरू कर दिया खिझाना हंसी में फंसकर, फिर गयी किचन को भूलही, ही, ही मैं हंसी, मैं भी कैसी हूँ फूल.
7.
रोला: किया किचन में काम, लगी मैं गाने गाना मनु ने जान तुंरत, शुरू कर दिया खिझाना हंसी में फंसकर, फिर गयी किचन को भूल ही, ही, ही मैं हंसी, मैं भी कैसी हूँ फू ल.
8.
और रोला में अंत के चार चरणों में: किया किचन में काम, लगी मैं गाने गाना मनु ने जान तुरंत, शुरू कर दिया खिझाना हंसी में फंसकर, किचन को भी मैं भूली ही, ही, ही हंसकर, फूल बनकर खुश हो ली.
9.
वाह! वह इतनी सादगी और ताजगी भरा बचपन सब कुछ छूट गया अतीत में वह अपनापन कुँए से पानी खींच कर नहाना और खिझाना पेडों पर चढ़कर आम और अमरुद को खाना कटैया के पीले फूलों को झोली में भर लेना जामुन के पेड़ पर चढ़ कर जामुन को फेंकना भरी दुपहरी में माँ का चिल्लाना अनसुना करना वह जंगल-जलेबी और झरबेरी के खट्टे-मीठे बेर अब ना आयेंगे वह दिन जीवन में लौटकर फेर.
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वह इतनी सादगी और ताजगी भरा बचपन सब कुछ छूट गया अतीत में वह अपनापन कुँए से पानी खींच कर नहाना और खिझाना पेडों पर चढ़कर आम और अमरुद को खाना कटैया के पीले फूलों को झोली में भर लेना जामुन के पेड़ पर चढ़ कर जामुन को फेंकना भरी दुपहरी में माँ का चिल्लाना अनसुना करना वह जंगल-जलेबी और झरबेरी के खट्टे-मीठे बेर अब ना आयेंगे वह दिन जीवन में लौटकर फे र.