कल हा क्या खोनेवाला कल, क्या होनेवाला कल कोई भी जाने ना
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जीवन की सबसे प्रिय निधि-लगा-जल्दी ही खोनेवाला हूं.
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हा कल हा क्या खोनेवाला कल, क्या होनेवाला कल कोई भी जाने ना
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जीवन की सबसे प्रिय निधि-लगा-जल्दी ही खोनेवाला हूं.
5.
सत्पुरुष धरा पर आया है! बन जोश दिलों में छाया है! वह अग्निपुंज, वह शांतिदूत! उसके उर में धीरज अकूत! भयभीत नहीं होनेवाला! वह धैर्य नहीं खोनेवाला! भारत-भविष्य उज्जवल होगा! तुम अपनी सोचो क्या होगा?.
6.
बन जोश दिलों में छाया है! वह अग्निपुंज, वह शांतिदूत! उसके उर में धीरज अकूत! भयभीत नहीं होनेवाला! वह धैर्य नहीं खोनेवाला! भारत-भविष्य उज्जवल होगा! तुम अपनी सोचो क्या होगा? याचना नहीं, अब रण होगा, जीवन-जय या कि मरण होगा।