In Mungpoo there were no social and literary celebrities to crowd round him , obscuring the sad solemnity of his last but one birthday on this earth . मांग्पू में सामाजिक या साहित्यिक दृष्टि से कोई भी चर्चित व्यक्ति उन्हें घेर कर खड़े होने को उपस्थित नहीं था - जो इस धरती पर उनके जीवन के सबसे अंतिम में से पूर्व जन्मदिन के सौम्य गांभीर्य को विघ्नित कर सकता .