मिस् टर सी. एम गादुर बार-बार अपनी गर्दन उठा-उठाकर टाई ठीक करते हुए नेता जी को घूरते ही रहे।
3.
इतना ही नहीं बल्कि इसे अब “ सारदुल ” की बजाय “ गेदुर (गादुर) ” के नाम से जाना जायेगा।
4.
इसकी फिक्र मिस् टर सी. एम गादुर को न थी जिन् हें लोग अपनी आसानी के मारे मिस् टर चिमगादर ही कहते थे।
5.
मिस् टर सी. एम. गादुर अपनी उच् चता का प्रदर्शन करने के लिए उन् हें ' ए मिस् टर ' कह कर कोई तश् तरी लाने को कहते थे जैसे वे उन् हें पहचानते ही न थे।
6.
मिस् टर सी. एम. गादुर अपने ' ओ ओ ' के रक्षार्थ बिना बुलाए ही फटक पड़े और लगे नेताजी से शिकायत करने, ' वाह नेताजी! जब आपने सब अफसरों को निमंत्रित किया तब आप मुझे कैसे भूल गए? शायद आप नहीं जानते कि मैं ही अकेला इस नगर का ' ओ.ओ. ' हूं। '