संज्ञा
| दाँए हुए अनाज को हवा में उड़ाने की क्रिया या भाव, जिससे भूसा अलग हो जाए:"उसने ओसाई के बाद धान को बखार में रख दिया" पर्याय: ओसाई, डाली, उड़ावनी,
| | मथने की क्रिया:"दही का मंथन करने पर मक्खन निकलता है" पर्याय: मंथन, मन्थन, मथाई, मथन, मथना, बिलोना, विलोड़न, विलोना, अवगाहन, आघर्ष, आलोड़न, अवगाहना, आलोड़न करना, अवटन, आवर्तन, आवर्त्तन, प्रमथन,
| | दाने अलग करने के लिए धान आदि के डंठल की झड़ाई:"उसने गाहाई करने से मना कर दिया"
| | ओसाने की मज़दूरी:"इतने धान की ओसाई आप कितना लेंगे ?" पर्याय: ओसाई,
| | मथने की मज़दूरी :"मालकिन से आज मथाई मिल गई है" पर्याय: मथाई,
| | दाने अलग करने के लिए धान आदि के डंठल की झड़ाई करने की मज़दूरी :"उसने मुझे आज तक गाहाई नहीं दी"
|
|