| 1. | स्वीकृती के बाद गिरवीकर्ता पर लागू गिरवी प्रभार
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| 2. | गिरवीकर्ता और गिरवीदार के खाते अलग अलग डिपोजट्री पार्टीसिपेटस में हो सकते है ।
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| 3. | गिरवी रखने के लिए गिरवीकर्ता और गिरवीदार, दोनो का खाता सीडीएसएल में होना चाहिए ।
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| 4. | अमानत देने वाले को गिरवीकर्ता या अधिकर्ता कहते हैं और अमानतदार को गिरवीदार या अधिग्राही कहते हैं।
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| 5. | अमानत देने वाले को गिरवीकर्ता या अधिकर्ता कहते हैं और अमानतदार को गिरवीदार या अधिग्राही कहते हैं।
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| 6. | उपनिधान को ‘ गिरवीकर्ता ' कहा जाता है तथा उपनिहिति को ‘ गिरवीग्राही ' कहा जाता है।
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| 7. | गिरवी रखने के दौरान गिरवीकर्ता द्वारा लाभांशों / बोनस के सभी नियमित लाभ आदि उठाए जा सकेंगे ।
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| 8. | इस पद्धति के अंतर्गत, प्रतिभूतियां गिरवीकर्ता के खाते में होती है तथा गिरवीदार (बैंक) के पक्ष में उन्हें रोका हुआ होता है ।
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| 9. | गिरवी को कानूनी तौर पर वैध बनाने के लिए ज़रूरी है कि गिरवीकर्ता को माल रखने का कानूनी अधिकार या हकदारी प्राप्त हो।
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| 10. | गिरवी को कानूनी तौर पर वैध बनाने के लिए ज़रूरी है कि गिरवीकर्ता को माल रखने का कानूनी अधिकार या हकदारी प्राप् त हो।
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