गैरूआ वस्त्र, धवल लम्बी दाड़ी और पूर्ण ओजमयी एवं गरिमामयी व्यक्तित्व।
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गैरूआ वस् त्र, धवल लम् बी दाड़ी और पूर्ण ओजमयी एवं गरिमामयी व् यक्तित् व।
3.
अगर धर्मनिरपेक्षता के लिए मुस्लिम टोपी और मुस्लिम गमक्षा ओढ़ना जरूरी है तो फिर गैरूआ वस्त्र पहनना और टीका लगाना क्यों नहीं जरूरी है?
4.
एक गैरूआ वस् त्रधारक का राजनीति में प्रवेश से अनेक नेताओं में खलबली मची हुई है वे अपनी सधी हुई अंहकारयुक् त भाषा में बाबा को राजनीति में न उतरने की नसीहत दे रहे है।