तब गोबर-गणेश को छोड़कर भक्त लोग गर्दभदेव को अक्षत-चंदन चढ़ाते।
4.
जीवन्मुक्त मि्ट्टी के लोंदे! देवतागण गोबर-गणेश प्रतीत होते हैं।
5.
इनका चेहरा है कि हुक्का है कि है गोबर-गणेश किस कदर संजीदगी यह सबको समझाता हूँ मैं
6.
और उनके स्टेनोग्राफर तो थे ही गोबर-गणेश, उन्होंने टोका ; यह भी ‘ लक ' ही की बात है-अब उनका लिखा आर्षवाक्य प्रमाण हो गया है।
7.
मुझे लगता है कि हिंदी को इस गोबर-गणेश की छवि से बाहर निकालकर एक आधुनिक चिन्तन-मनन और ज्ञान-विज्ञान की भाषा बनाने, जीवनोपयोगी बातों को कहने समझने का माध्यम बनाने और सबसे बढ़कर रोजगार की भाषा बनाने का समय आ गया है।