एक खूबसूरत बाग में लताओं से घिरे ग्रीष्मावास में दो लड़के खड़े थे।
2.
इसे अवध के नवाब वाजिद अली शाह (1822-1887) के ग्रीष्मावास के तौर पर बनाया गया था।
3.
नवाब वाजिद अली शाह ने लखनऊ की सीमा पर अपनी बेगम के नाम पर सिकन्दर बाग़ का निर्माण करवाया था जिसे वो अपने ग्रीष्मावास के तौर पर इस्तेमाल करते थे।
4.
सातवीं शताब्दी में तिब्बती राजा सुंगचांगकांगपू ने छिंगहाई तिब्बत पठार का एकीकरण करने के बाद ल्हासा शहर को राजधानी का रूप दिया और शाननान क्षेत्र में युंगपुलाखांग महल राजा सुंगचांगकांगपू और राजकुमारी वन छंग के ग्रीष्मावास के नाम से जाना जाने लगा।
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उद्यान की आधारशिला नवाब सादात अली खान ने सन 1800 में एक शाही बाग़ के तौर पर रखी थी, हालांकि 19 वीं सदी के पूर्वार्ध में इसे अवध के नवाब वाजिद अली शाह ने एक शाही बाग़ के रूप में विकसित किया, जो इसका प्रयोग अपने ग्रीष्मावास के तौर पर किया करते थे।