घनास्रता और वाहिकारोधी दोनो विद्यमान हों तो इसे ' थ्रोम्बोइम्बोलिज्म' (
2.
दाएँ पैर का तीव्र धमनीजन्य घनास्रता
3.
हृदय के वामार्ध की घनास्रता से शारीरिक धमनियों में रक्तस्रोतरोधन उत्पन्न होता है।
4.
वृद्धावस्था में होनेवली घनास्रता एक ही सप्ताह में प्राय: धातक हो जाती है।
5.
शिराओं की, या दक्षिण हृदयार्ध की, घनास्रता का रक्तस्रोतरोधन फुफ्फुसों में जाकर अटकता है।
6.
पूतिदूषित घनास्रता से फोड़े बनते हैं और आगे के दुष्परिणाम उसी के कारण होते हैं।
7.
अति वृद्धावस्था में मस्तिष्क की तथा उसके आवरणों की शिराओं में घनास्रता होने की अधिक संभावना रहती है।
8.
घनास्रता का परिमाण उसके स्थान पर, विस्तार पर, वाहिका के प्रकार पर तथा उसे पूतिदूषित, या अपूतिदूषित (
9.
धमनियों की अपेक्षा शिराएँ चौड़ी तथा उनकी दीवार पतली होने से उनमें घनास्रता उत्पन्न होने की संभावना अधिक रहती है।
10.
एक बांह और दूसरे बांह के दाब में बहुत अंतर हो, तो वह किसी धमनी के संकुचन (उदाहरण के लिए महाधमनिक संकुचन, महाधमनिक विच्छेदन, घनास्रता या वाहिकारोध) की ओर संकेत करता है.