इस पक्षी का आकार चंडूल जाति के पक्षियोंजैसा ही है.
3.
चंडूल से वास्कट के रुपये वसूल करने चाहिए मय सूद के।
4.
सुरत शब्द चीन्हे बिना, ज्यों पंक्षी चंडूल तुलसी या संसार में पाँच रतन है सार..
5.
आनन्दसिंह-जी हां, आप वहां तक कह चुके हैं जब (कमलिनी की तरफ देखकर) ये चंडूल की सूरत बनाकर आपके पास आई थीं, मगर हमें यह न मालूम हुआ कि इन्होंने हरनामसिंह, बिहारीसिंह और मायारानी के कान में क्या कहा जिसे सुन सभी की अवस्था बदल गई थी।
6.
कमलिनी-चंडूल बनने के बाद मैंने नानक को बाग के बाहर कर दिया और तेजसिंहजी को राजा गोपालसिंह के पास ले जाकर दोनों की मुलाकात कराई, इसके बाद वहां रहने का स्थान, राजा गोपालसिंह के छुड़ाने की तरकीब, और फिर उन्हें साथ लेकर बाग के बाहर हो जाने का रास्ता बताकर मैं तेजसिंहजी से विदा हुई और आप लोगों को कैद से छुड़ाने का उद्योग करने लगी।
7.
इसी तरह राजा गोपालसिंह का हाल भी उन चारों के सिवाय और कोई नहीं जानता था और जब कोई पांचवां आदमी उस भेद को जानेगा तो बेशक हम चारों की जान जायगी और यही सबब उस समय उन लोगों की बदहवासी का था जब मैंने चंडूल बनकर उन तीनों के कानों में पते की बात कही थी, मगर उस समय इसके साथ-साथ ही मैंने यह भी कह दिया था कि राजा गोपालसिंह का हाल हजारों आदमी जान गए हैं और वीरेन्द्रसिंह के लश्कर में भी यह बात मशहूर हो गई है।