संभव हो तो मध्य भाग में अर्ध चंद्राकृति में सीढ़ियों का प्रबंध करा सकते हैं।
3.
किसी भी स्थिति में पूर्व और उत्तरमुखी दुकानों के लिए अर्ध चंद्राकृति सीढ़ीयां नहीं बनाएं।
4.
कवि तुलाराम गोपाल की एक बानगी पेश है:-खड़ी पहाड़ी की सर्वोच्च शिला आसन पर तुम्हें देख बराह रूप में चंद्राकृति पर जब मन ही में प्रश्न किया सरगुजहीन महानदी की बीच धार की धरती डोली।
5.
कवि तुलाराम गोपाल देवी चंद्रसेनी की प्रशंसा में कहते हैं-खड़ी पहाड़ी की सर्वोच्च शिला आसन पर, तुम्हें देख वाराह रूप में चंद्राकृति पर जब मन ही में प्रश्न किया सरगुजहीन बाली महानदी की बीच धार की धरती डोली।