| 1. | अपने को आदर्श स्वरूप चरित्रवान् ब्राह्मण समझते थे।
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| 2. | अथक परिश्रमी, सरल, निडर और चरित्रवान् व्यक्ति हैं।
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| 3. | 188) धनवाद् नहीं, चरित्रवान् सुख पाते हैं।
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| 4. | 188) धनवाद् नहीं, चरित्रवान् सुख पाते हैं।
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| 5. | चरित्रवान् व्यक्ति ही किसी राष्ट्र की वास्तविक सम्पदा है।
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| 6. | चरित्रवान् व्यक्ति ही किसी समाज की सुख-सम्पत्ति होते हैं ।
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| 7. | 36) चरित्रवान् व्यक्ति ही किसी राष्ट्र की वास्तविक सम्पदा है।
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| 8. | 95) चरित्रवान् व्यक्ति ही सच्चे अर्थों में भगवद् भक्त हैं।
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| 9. | चरित्रवान् होने के कारण समाज का मित्र या हितकारी हो।
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| 10. | वह अपनी निज की दृष्टि में भले ही चरित्रवान् बना रहे।
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