उसके सामने रातका एक एक वाक्या किसी चलचित्रकी तरह आ रहा था...
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उसके सामने रातका एक एक वाक्या किसी चलचित्रकी तरह आ रहा था......
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फिरसे उसकी आंखोके सामनेसे उसके सपनेका एक एक प्रसंग किसी चलचित्रकी भांती गुजरने लगा जिसमें वह कुंएके किनारे खडी थी.
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खेला में ये सभी तत्व प्रस्तुत है | फिल्म की कहानी में नहीं बोलूँगा बल्कि फिल्म निर्देशन बारे में कहूँगा | फिल्म का स्थापन पश्चिम बंगाल के दुआर-दार्जिलिंग, कुर्सेओंग-में है जहां फिल्म निर्देशक राजा (प्रोसेंजित चटैर्जी) अपनी पहली फिल्म की शूटिंग करते हैं | दुआर के हरे-हरे जंगलों में शूटिंग होती है | पथरीला रास्ते, बारिश और लोगों का स्वेटर पहनना होना-यह सब दर्शक को दुआर तक पहुंचा देते हैं | चलचित्रकी (