| 1. | बाटे के चलत बटोहिआ हित भइआ हो राम.
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| 2. | बाटे के चलत बटोहिआ हित भइआ हो राम.
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| 3. | तारे सकल, मंडल, चलत ससि अरु भान ।
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| 4. | अब ठुमक-ठुमक चलत रामचंद्र, बाजत पैजनियां..
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| 5. | घुटुरुन चलत रेनु-तन-मंडित,
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| 6. | दांत दिखावत दीन है, चलत घिसावत नाक
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| 7. | चलत मुसाफ़िर मोह लियो रे पिंजड़े वाली मुनिया
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| 8. | कबहु डडा स्वर चलत है कभी पिंगला माही।
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| 9. | साधु संता ते महंता, चलत करत पुकार ।
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| 10. | घुटुरुनि चलत रेनु तन मंडित मुख दधि लेप
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