| 1. | हम चान्द्र शीर्ष ही ठीक हैं-:) रोचक और अच्छी जानकारी!!
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| 2. | चान्द्र गणना में मास का अन्त पूर्णिमा को होता है।
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| 3. | 2. तिथि: चान्द्र दिन को तिथि कहते हैं।
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| 4. | इनमें से मुख्यतः तीन हैं-सावन, चान्द्र तथा सौर ।
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| 5. | उस काल में भी वर्ष सौर एवं मास चान्द्र थे।
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| 6. | एक चान्द्र मास में 30 तिथियां तथा 60 करण होते हैं।
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| 7. | इस जडात्मक चान्द्र खण्द का सौर खण्डरूप दशारद्वय में अन्तर्भाव है।
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| 8. | इस तरह भारत में निरयण तथा चान्द्र दोनों पद्धतियां प्रचलित हैं।
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| 9. | चैत्र शुक्ल प्रतिपदा से चैत्रीअमावस्या तक चान्द्र वर्ष (संवत्सर) माना जाता है।
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| 10. | बंगाल में सौर मास व चान्द्र मास दोनों प्रयोग में लाए जाते हैं।
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