गंगोत्री नदी के मुहाने के पार तपोवन है जो अपने सुंदर यहां चारगाह के लिये मशहूर है तथा शिवलिंग चोटी के आधार के चारों तरफ फैली है।
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गंगोत्री नदी के मुहाने के पार तपोवन है जो अपने सुंदर यहां चारगाह के लिये मशहूर है तथा शिवलिंग चोटी के आधार के चारों तरफ फैली है।
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गंगोत्री नदी के मुहाने के पार तपोवन है जो अपने सुंदर यहां चारगाह के लिये मशहूर है तथा शिवलिंग चोटी के आधार के चारों तरफ फैली है।
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चारगाह में घोडों के लिये घास नहीं, लेकिन गधे ज़ाफ़रान में कूद रहे हैकैसे कैसे दोस्त हैं कैसे कैसे धोखेचबा रहे हैं अंगूर बता अमरूद रहे हैंना जाने खो गया है किस अज़ब अन्धेरे मेंआंख बन्द करके तलाश अपना वज़ूद रहे हैंउधार लिये थे चंद लम्हे पिछ्ले जनम मेंअभी तक चुका उनका सूद रहे हैंमकान बेच कर खरीदी थी तोप कोमल नेज़मीन बेच के खरीद उसका बारूद रहे हैं