आख़िर यह केवल २-४ दिनो की चका-चोंध का सवाल नही है!
4.
चमक चांदी की आँखों पर कई परदे चदती है चोंध मैं खोने वालों को वहीँ पर वापस लाना हैं
5.
जिसमे न मुद्दे होंगे और न ही कोई देशभक्ति बस मीडिया की चका चोंध होगी और उसमे गुमराह होती जनता.
6.
भारत के लोगो को, गावो को शहरो को वे जानते ही नही है वे केवल मीडिया के कैमरों की चका चोंध तक ही सिमित है.
7.
शादी में सभी आये नाचा गया और चलते बने, परन्तु उस चका चोंध में पति पत्नी अपने जीवन जीने के आधारभूत तत्वों पर भी चका चौंध हर समय चाहेंगे तो भारी भूल होगी.
8.
जिसमे गाव-गाव राज्य-राज्य जाने वाले साधू-संतो से ज्यादा तवज्जो मात्र एक नारा देने वाले अन्ना हजारे को दी जाएगी और फिर से अन्ना हजारे को संत बना दिया जायेगा ……. जिसमे न मुद्दे होंगे और न ही कोई देशभक्ति बस मीडिया की चका चोंध होगी और उसमे गुमराह होती जनता.
9.
प्यार की आज की परिभाषा और उस पर भी साथ देने का विदा हया बेचने को, खुला पण नाम देते हैं जो भटके राहों से उन्हें उनसे मिलाना हैं चमक चांदी की आँखों पर कई परदे चदती है चोंध मैं खोने वालों को वहीँ पर वापस लाना हैं जो चलना चाहते हैं साथ लेकिन चल नैन पाते, सहारा देकर उन्हें चलना सिखाना हैं मोहब्बत, चमन की रात रानी हैं चमेली हैं हबस के naagon से bagbain gul को बचाना हैं
10.
पिछली बार जब जंतर मंत्र पर मीडिया की छक्का चोंध मे अण्णा ने अनसन किया था तब बॉलीवुड के भांड बढ़ चढ़ कर ट्वीट कर रहे थे, मंच पर आकार के हाय-हेलो कर रहे थे अब कहाँ गए नाचने बजाने वाले भांड? सच तो यह है की बॉलीवुड मे 80 % भांड एक दरिद्र और पेशाचिक कट्टर इस्लामिक + मिशनरी सोच का शिकार है जिसमे शबाना आजमी, जावेद अख्तर, किरण खैर, शाहरुख खान, सलमान खान जैसे लोग है