| 1. | पाली के पूर्व वैदिक भाषा को ‘ छन्दस ' कहते थ।
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| 2. | फिर भी छन्दस को पाली तक पहुँचने में 15सौ वर्ष लगे होंगे।
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| 3. | फिर भी छन्दस को पाली तक पहुँचने में 15 सौ वर्ष लग होंग।
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| 4. | ‘ छन्दस ' ने ही प्राकृतों को जन्म दिया अथवा दोनों समकक्ष चलती रही।
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| 5. | एक छन्दस पैर की लंबी या स्वराघात मात्रात्मक कविता में, विशेष रूप से भाग.
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| 6. | छन्दस पाली ' प्राकृत तथा अन्य बोलियों की उमर का अंदाजा लेगाना आसान है।
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| 7. | 6. एक छन्दस पैर की निर्बल या कम तानवाला कविता में, विशेष रूप से भाग.
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| 8. | " सच भी है, यदि ऐसा न होता तो गौतम बुद्ध छन्दस के विरोध में न जाते.
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| 9. | इसलिए प्राकृतों से निकलनवाली या उसक समकक्ष सब बोलियों का उद्गम ‘ छन्दस ' से है।
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| 10. | किसी कृत्यविशेष में विनियोजन मन्त्र के देवता, छन्दस इत्यादि के औचित्य-निरूपण के सन्दर्भ में ऐतरेयकार अन्तिम बिन्दु तक ध्यान रखता है।
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