ऋण देते समय बैंक दो बातों परध्यान देता है--(इ) तरलता (ळिर्उइडिट्य्)--राशि को उधार देने से पूर्व बैंकको यह ध्यान रखना चाहिए कि कुल जमा राशि का एक निश्चित भाग सदैव नकदी मेंउपस्थित रहे ताकि जब कभी जमाकर्त्ता अपनी धनराशि वापिस माँगे तो तत्कालही मिल जाय.
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जोशी ने बताया, ‘विस्मयजनक तथ्य यह है कि आवेदकों से सम्बन्धित एटीएम कार्ड जिनका पता या तो मिल नहीं पाया या वे वितरण के समय उपस्थित नहीं थे, उनका कार्ड बैंक अधिकारियों ने ले निया और उसके बाद उन्होंने बैंक में जमाकर्त्ता के अकाउंट से पैसे निकाल लिए।”