| 1. | इ विधना जरठ मति अट पट कइलन रे,
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| 2. | इ विधना जरठ मति अटपट कइलन रे,
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| 3. | शिशु अबोध मुकुलित किशोर वह युवा जरठ काया निर्झर
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| 4. | जरठ को फल लोचन का मिला।
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| 5. | सुखी सब सच्चरित सुंदर नारि नर सिसु जरठ ते॥ '.
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| 6. | साधू ने कहा-‘ हे जरठ! यह तो देह का धर्म है।
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| 7. | मेरे बिलकुल पास में जो है, वह जरठ भी है, खूसट भी।
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| 8. | आज तक के जरठ भारतीय मार्क्सवादी इतिहासकार आर्य जाति की बात अवश्य करते हैं।
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| 9. | मानव शरीर दस अवस्थाओं में विभक्त है भ्रूण शिशु किशोर तरूण गृहस्थ प्रवासी भृतक प्रौढ जरठ एवं मुमूर्षु।
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| 10. | नींद के झोंके तेज होने लगे तो साधु जल्दी-जल्दी में प्रार्थना-चक्र थमाकर कानों में पुफसपुफसाया-‘ हे जरठ! इस प्रार्थना-चक्र को निरन्तर घुमाते रहो।
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