कोई नगरपालिका अथवा शासन जल-कर (water rate) नहीं लगा सकता था।
3.
है कि सरकार ऐसी फसलों को प्रस्तावित कर रही है जिनका जल-कर ज्यादा है।
4.
यही वजह है कि सरकार ऐसी फसलों को प्रस्तावित कर रही है जिनका जल-कर ज्यादा है।
5.
परियोजना लागू होने के बाद सम्पत्ति-कर, जल-कर, जन्म-मृत्यु प्रमाण-पत्र और विवाह पंजीयन जैसी आवश्यक सेवाओं को ऑनलाइन किया जायेगा।
6.
निर्माण कार्य शुरू होने से पहले जल-कर की सम्पूर्ण अग्रिम राशि संबंधित उद्योगों से प्राप्त करने का निर्णय भी राज्य शासन द्वारा लिया गया है।
7.
लोक अदालत में बिजली चोरी, चेक बाउंस, मोटर दुर्घटना दावा, जल-कर, भवनकर, उपभोक्ता फोरम, कुटुम्ब न्यायालय, ग्राम न्यायालय के मामले, भू-अर्जन से संबंधित प्रकरणों का निपटारा किया जाएगा।
8.
कोई भी व्यक्ति जो किसी ऐसे भू-गृहादि में नहीं रहता, जिसके सम्बन्ध में जल-कर दिया जाता हो, किसी ऐसे भू-गृहादि से, जिसे निगम द्वारा निजी काम के लिए जल सम्भरित किया गया हो, तब तक जल नहीं ले जाएगा जब तक कि वह यदि जल सम्भरण का शुल्क माप के अनुसार दिया जाता हो, एतदर्थ उस व्यक्ति की अनुमति न ले ले, जिसे उक्त प्रकार से जल सम्भरित किया गया हो।
9.
यदि किन्हीं भवनों या भूमि पर जल-कर (water-tax) लगाया जाता है तो मुख्य नगराधिकारी का यह कर्तव्य होगा कि वह ऐसे भवनों या भूमि के स्वामियों या अध्यासियों के लिए जल-सम्भरण की व्यवस्था ऐसी उस रीति से, ऐसे समय में और इतनी मात्रा में करे, जो नियमों द्वारा विहित की जायः किन्तु प्रतिबन्ध यह है कि यदि किसी दुघटना(accident), असाधारण सूखा पड़ने के कारण अथवा अन्य किन्हीं अनिवार्य कारणों से निगम जल का सम्भरण नहीं कर पाता तो वह एतदर्थ किसी प्रकार की जब्ती (forfeiture), दंड या क्षति का उत्तरदायी नहीं होगी।