यदि आस-पास की भूमि में पानी के रिसन की क्षमता कम हुई तो जलरोध (
2.
यदि आस-पास की भूमि में पानी के रिसन की क्षमता कम हुई तो जलरोध (Water-logging) की अवस्था हो जाती है और कृषियोग्य भूमि कृषि के आयोग्य होने लगती है।
3.
यदि आस-पास की भूमि में पानी के रिसन की क्षमता कम हुई तो जलरोध (Water-logging) की अवस्था हो जाती है और कृषियोग्य भूमि कृषि के आयोग्य होने लगती है।
4.
किंतु जहाँ सिंचाई होती है वहाँ इस साधन के द्वारा अधिक दिनों तक जलरोध से बचाव नहीं हो पाता, वहाँ सावधानीपूर्वक भूसिंचन तथा यथानुकूल निकासी नालों अथवा भूमि के नीचे अतिरिक्त जलनिकासी युक्तियों से काम लेना अनिवार्य हो जाता है।
5.
किंतु जहाँ सिंचाई होती है वहाँ इस साधन के द्वारा अधिक दिनों तक जलरोध से बचाव नहीं हो पाता, वहाँ सावधानीपूर्वक भूसिंचन तथा यथानुकूल निकासी नालों अथवा भूमि के नीचे अतिरिक्त जलनिकासी युक्तियों से काम लेना अनिवार्य हो जाता है।
6.
किंतु जहाँ सिंचाई होती है वहाँ इस साधन के द्वारा अधिक दिनों तक जलरोध से बचाव नहीं हो पाता, वहाँ सावधानीपूर्वक भूसिंचन तथा यथानुकूल निकासी नालों अथवा भूमि के नीचे अतिरिक्त जलनिकासी युक्तियों से काम लेना अनिवार्य हो जाता है।