साथ ही हमें यह भी पता है कि इस बदलाव के जलवायवी प्रभावी काफी गंभीर होंगें ।
3.
पौधों और पशुओं का पुरःस्थापन (ईन्ट्रोडुच्टिओन्) फसलों तथा पशुओं के अनुकूलन की कुछ इष्टतम जलवायवी दशाएँ होती है.
4.
जलवायु का यह प्रभाव अप्रत्यक्ष है क्योंकि कीटों और बीमारीयोंके अधिकतम विकास की जलवायवी दशाएँ अत्यन्त संकीर्ण होती है.
5.
दूसरे शब्दों में, बीमारियों और कीटों परनियंत्रण लगाने वाले जलवायवी तत्व अक्सर फसलों के उत्पादन को भी सीमितकरते हैं.
6.
आईएसओ द्वारा सूचीबद्ध 109 मसालों में से भारत, अपने विविधतापूर्ण कृषि जलवायवी प्रदेशों के कारण, 75 पैदा करता हैं।
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आईएसओ द्वारा सूचीबद्ध 109 मसालों में से भारत, अपने विविधतापूर्ण कृषि जलवायवी प्रदेशों के कारण, 75 पैदा करता हैं।
8.
समय-समय पर पशुओं को एक बाड़े से दूसरे बाड़ें मे स्थानांतरित करकेइन जलवायवी तत्वों के योगदान का सर्वोत्तम उपयोग किया जा सकता है.
9.
जलवायवी तत्वों में तापमान औरआर्द्रता प्रमुख है और इसीलिए कीट और बीमारियों से ग्रस्तता का जलवायुप्रदेशों और मौसम इन दोनों से ही गहरा सम्बन्ध है.
10.
1991-92 से अर्थ व्यवस्था के उदारीकरण ने भारतीय उद्यमियों को प्रेरित किया है कि नियंत्रित जलवायवी परिस्थितियों के अंतर्गत निर्यात अभिमुखी पुष्प कृषि यूनिट स्थापित करें।