| 1. | उदाहरणार्थ कैल्था में मकरंदस्राव जायांग द्वारा होता है।
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| 2. | उदाहरणार्थ कैल्था में मकरंदस्राव जायांग द्वारा होता है।
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| 3. | लिंडलिया का जायांग युक्तांडप तथा फल स्फोटी होता है।
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| 4. | लिंडलिया का जायांग युक्तांडप तथा फल स्फोटी होता है।
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| 5. | जायांग प्राय: पृथक् अंडप (१-¥) तथा बीजांड अधोमुख होता है।
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| 6. | जायांग प्राय: पृथक् अंडप (१-¥) तथा बीजांड अधोमुख होता है।
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| 7. | फूल में पुंकेसर (बाह्य वृताकार में) और एक जायांग (केन्द्र में).
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| 8. | जायांग, धन्यवाद करने के लिए यहाँ बंद करने के लिए तैयार है.
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| 9. | पुष्प के चारो भाग पुटचक्र, दलचक्र, पुमंग तथा जायांग इसमें पाएँ जाते हैं।
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| 10. | जायांग पाँच एवं प्रत्येक अंडप के अंतिम भाग में एक वर्तिकाग्र होते हैं।
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